शनि को न्याय और कर्मफल का देवता माना जाता है | शनि को प्रसन करके जातक अपने जीवन के दूखो को दूर कर सकता है | ऐसी मान्यता है जब कभी भी ग्रहो में किसी भी तरह का परिवर्तन होता है तब इसका सीधा प्रभाव राशियो पर पड़ता है | जिस वजह से कुंडली पर शनि बेठ जाते है | ऐसे व्यक्ति के जीवन में दूख व सुख भी आते है | हिन्दू मान्यता के अनुसार शनि महाराज के नाराज होने से व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर पड़ता है और यदि शनि देव प्रससन होते है तो उसके बिगड़े काम बनने लगते है | जब भी शनि देव मार्गी व वक्री अवस्था में आते है | तब सभी राशियो पर अलग-अलग प्रभाव देखने को मिलता है | 23 मई 2021 से शनि मकर राशि में वक्री चल रहे है अत: अब 11 अक्टूबर को शनि प्रात: 8.00 बजे मार्गी हो जाएगे | जिसके कारण कुछ राशियो पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा | वही कुछ राशि के जातको को सावधान रहने की जरूरत है | शनि मार्गी होने पर धनु राशि के जातको को शुभ परिणाम मिलेगे | वही मकर व कुम्भ राशि के जातको के लिए परेशानी दूर होगी | मिथुन,तुला व धनु राशियो के जातको के लिए अच्छे लाभ के संयोग बनेगे तथा वृषभ व सिंह राशि के लिए अधिक सावधान रहने की ज़रूरत है |
2022 में शनि का राशि परिवर्तन होगा | जिसके कारण मिथुन, तुला राशि वालों को ढैया शुरू होगी | 29 अप्रैल 2022 शनि मकर राशि से कुम्भ राशि में परिवर्तन करेगा जिससे धनु राशि वालों को शनि की सादे-सती से मुक्ति मिल जाएगी |
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