Monday 31 March 2014

अप्रैल – २०१४ : राशिफल


मेष राशि वालों का स्वास्थय प्रभावित हो सकता है, निर्णय लेने में असमर्थ ,मानसम्मान मिल सकता है ,यात्रा के प्रसंग ,तीर्थ यात्रा ,व्यापार की और से संतुष्ट तथा स्त्री का स्वास्थय प्रभावित हो सकता है |

वृष राशि वाले धन को लेकर संतुष्ट, शत्रुओ का नाश, संतान द्वारा मानसम्मान प्राप्त होगा, लाभ मिलना की संभावना तथा धोके से बचे |

मिथुन राशि वालों का स्वास्थय ठीक रहेगा, व्यापार की और से संतुष्ट, भूमि-    वाहन की लेकर संतुष्ट, संतान को लेकर चिंता, मानसिक रूप  से परेशान हो सकते है |

कर्क राशि वाले मानसम्मान बने रखे, भूमि-वाहन की चिंता, राज्य से संबन्धित कार्यो में सफलता परंतु धोके से सावधान तथा लाभ में कमी |

सिंह राशि वालों का धन रुख सकता है, मानसम्मान प्राप्त होगा, जीवन साथी द्वारा संतुष्ट, तीर्थ यात्रा तथा लाभ मिल सकता है तथा कुल मिलाकर मास ठीक रहेगा |

कन्या राशि वाले चोरी से सावधान, स्वास्थय प्रभावित हो सकता है, स्त्री से मनमुटाव, हिम्मत बने रखे तथा कुल मिलाकर मास अच्छा नहीं है अथवा सावधानी बरते |

तुला राशि वालों का स्वास्थय ठीक रहेगा, व्यापार व जीवन साथी से अनबन हो सकती है, तीर्थ यात्रा के प्रसंग, लाभ में विहन आ सकता तथा खर्चा बढ़ा रहेगा

वृश्चिक राशि वाले मानसिक रूप से परेशान हो सकता है, निर्णय लेने में असमर्थ ,संतान व धन को लेकर चिंता तथा निर्माण कार्य पर ध्यान दे |

धनु राशि वालों को स्त्री द्वारा सम्मान, संतान को लेकर फिजूल की चिंता , व्यापार में व्रद्धि, कर्म भाव मजबूत रहेगा, लाभ मिल सकता है तथा कुल मिलाकर मास अच्छा रहेगा |

मकर राशि वाले स्वास्थय से सचेत रहे, मानसम्मान प्राप्त होगा, कार्य को लेकर संतुष्ट तथा कर्म भाव मजबूत रहेगा |

कुम्भ राशि धन को लेकर संतुष्ट, मानसम्मान प्राप्त होगा ,यात्रा के प्रसंग, पराक्रम बनाए रखे, संतान को लेकर संतुष्ट तथा ऐश्वर्य लाभ हो सकता है |

मीन राशि वालों का स्वास्थय प्रभावित हो सकता है, परिवर की चिंता, भूमि-वाहन की लेकर संतुष्ट तथा धन की प्राप्ति हो सकती है |

Saturday 1 March 2014

वास्तु और स्वास्थ्य !!

वास्तु और स्वास्थ्य


हमें कई बार समझ नहीं आता कि कोई बीमारी न होते हुए भी हम अकसर बीमार क्यों हो जाते है. वास्तव में वास्तु और स्वास्थ्य का गहरा संबंध होता है. वास्तु का भी हमारे जीवन में विशेष प्रभाव रहता है. मानसिक हालत कमजोर होने की स्थिति में हम डिप्रेशन या अवसाद का शिकार हो जाते हैं. ऐसा होने पर व्यक्ति के विचारों, व्यवहार, भावनाओं और दूसरी गतिविधियों पर असर पड़ता है. डिप्रेशन से प्रभावित व्यक्ति अक्सर उदास रहने लगता है, उसे बात-बात पर गुस्सा आता है, भूख कम लगती है, नींद कम आती है और किसी भी काम में उसका मन नहीं लगता. लंबे समय तक ये हालत बने रहने पर व्यक्ति मोटापे का शिकार बन जाता है, उसकी ऊर्जा में कमी आने लगती है, दर्द के एहसास के साथ उसे पाचन से जुड़ी शिकायतें होने लगती हैं. कहने का मतलब यह है कि डिप्रेशन केवल एक मन की बीमारी नहीं है, यह हमारे शरीर को भी बुरी तरह प्रभावित करता है. डिप्रेशन के शिकार किसी व्यक्ति में इनमें से कुछ कम लक्षण पाए जाते हैं और किसी में ज्यादा.
आमतौर पर शरीर में बीमारी होने पर हम उसके बायोलॉजिकल, मनोवैज्ञानकि या सामाजिक कारणों पर जाते हैं. यहां पर आज हम बीमारियों के उस पहलू पर गौर करेंगे, जो हमारे घर के वास्तु से जुड़ा है. कई बीमारियों की वजह घर में वास्तु के नियमों की अनदेखी भी हो सकती है. अगर आप इन नियमों को जान लेंगे और उनका पालन करना शुरू करेंगे तो आपको इन बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है.
1. जैसे वास्तु में यह माना जाता है कि अगर आप दक्षिण दिशा में सिर करके सोते हैं तो आपके स्वास्थ्य में सुधार होता है. जहां तक करवट का सवाल है तो वात और कफ प्रवृत्ति के लोगों को बाईं और पित्त प्रवृत्ति वालों को दाईं करवट लेटने की सलाह दी जाती है.
2. सीढ़ियों का घर के बीच में होना स्वास्थ्य के लिहाज से नुकसान देने वाला होता है, इसलिए साढ़ियों को बीच के बजाय किनारे की ओर बनवाएं.
3. इसी तरह भारी फर्नीचर को भी घर के बीच में रखना अच्छा नहीं माना जाता. इस जगह में कंक्रीट का इस्तेमाल भी वास्तु के अनुकूल नहीं होता. दरअसल घर के बीच की जगह ब्रह्मस्थान कहलाती है, जहां तक संभव हो तो इस जगह को खाली छोड़ना बेहतर होता है.
4. घर के बीचोबीच में बीम का होना दिमाग के लिए नुकसानदायक माना जाता है.
5. वास्तु के नियमों के हिसाब से बीमारी की एक बड़ी वजह घर में अग्नि का गलत स्थान भी है. जैसे कि अगर आपका घर दक्षिण दिशा में है, तो इसी दिशा में अग्नि को न रखें.
6. रोशनी देने वाली चीज को दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखना स्वास्थ्य के लिए शुभ माना जाता है. घर में बीमार व्यक्ति के कमरे में कुछ सप्ताह तक लगातार मोमबत्ती जलाए रखना भी उसके स्वास्थ्य के लिए शुभ होता है.
7. अगर घर का दरवाजा भी दक्षिण दिशा में है, तो इसे बंद करके रखें. यह दरवाजा लकड़ी का और ऐसा होना चाहिए, जिससे सड़क अंदर से न दिखे.
8. घर में किचन की जगह का भी हमारे स्वास्थ्य से संबंध होता है. दक्षिण-पश्चिम दिशा में किचन होने से व्यक्ति अवसाद से दूर रहता है.
9. घर के मुख्य द्वार से यदि रसोई कक्ष दिखाई दे तो घर की स्वामिनी का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है और उसके बनाए खाने को भी परिवार के लोग ज्यादा पसंद नहीं करते हैं.यदि आपकी रसोई बड़ी है तो आपको रसोई घर में बैठ कर ही भोजन करना चाहिए. इससे कुंडली में राहु के दुष्प्रभावों का शमन होता है.
10. पूरे परिवार के अच्छे स्वास्थ्य के लिए घर में दक्षिण दिशा में हनुमान का चित्र लगाना चाहिए.
11. शैया की माप के बारे में विधान है कि शैया की लंबाई सोने वाले व्यक्ति की लंबाई से कुछ अधिक होना चाहिए. पलंग में लगा शीशा वास्तु की दृष्टि से दोष है, क्योंकि शयनकर्ता को शयन के समय अपना प्रतिबिम्ब नजर आना उसकी आयु क्षीण करने के अलावा दीर्घ रोग को जन्म देने वाला होता है.
12. बेड को कोने में दीवार से सटाकर बिलकुल न रखें. कमरे में दर्पण को कुछ इस तरह रखें, जिससे लेटी अवस्था में आपका प्रतिबिम्ब उस पर न पड़े.
13. शयनकक्ष में साइड टेबल पर दवाई रखने का स्थान न हो. अनिवार्य दवाई को भी सुबह वहाँ से हटाकर अन्यत्र रख दें.फ्रिज कभी भी बेडरूम में न हो.